अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
कुछ क्षेत्रों में, यह दिवस अपना राजनीतिक मूलस्वरूप खो चूका है, और अब यह मात्र महिलाओं के प्रति अपने प्यार को अभिव्यक्त करने हेतु एक तरह से मातृ दिवस और वेलेंटाइन डे की ही तरह बस एक अवसर बन कर रह गया हैं। हालांकि, अन्य क्षेत्रों में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए अभी भी इसे बड़े जोर-शोर से मनाया जाता हैं। कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।
सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।
इतिहास
अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, यह दिवस सबसे पहले 28 फ़रवरी 1909 को मनाया गया। इसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका प्रमुख ध्येय महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।
1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी। ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया। उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी इतवार 23 फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी। इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है। इसी लिये 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक विषय-वस्तु
वर्ष
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संयुक्त
राष्ट्र की आधिकारिक विषय-वस्तु
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1996
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अतीत का जश्न, भविष्य के लिए योजना
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1997
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महिलाओं और शांति तालिका
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1998
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महिला और मानवाधिकार
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1999
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महिलाओं के खिलाफ हिंसा से मुक्त विश्व
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2000
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शांति के लिए एकजुट महिलाएं
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2001
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महिला और शांति: महिला का संघर्ष प्रबंधन
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2002
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आज की अफगान महिला: वास्तविकता और अवसर
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2003
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लिंग समानता और सहस्राब्दी विकास लक्ष्य
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2004
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महिला और एचआईवी/एड्स
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2005
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2005 के आगे लिंग समानता; अधिक सुरक्षित भविष्य का निर्माण
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2006
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निर्णय-लेने में महिलायें
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2007
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महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना
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2008
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महिला और लड़कियों में निवेश
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2009
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महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने
के लिए महिला और पुरुष एकजुट
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2010
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समान अधिकार, समान अवसर: सभी के लिए प्रगति
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2011
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शिक्षा, प्रशिक्षण एवं विज्ञान और
प्रौद्योगिकी की समान पहुँच: महिलाओं के बेहतरी का मार्ग
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2012
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ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, गरीबी और
भूखमरी का अंत
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2013
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वचन देना, एक वचन है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा
को समाप्त करने के लिए कार्रवाई का समय
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2014
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महिलाओं के लिए समानता, सभी के
लिए प्रगति है
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2015
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महिला सशक्तीकरण, ही मानवता
सशक्तीकरण: इसे कल्पना कीजिये!
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2016
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2030 तक, ग्रह
में सभी 50-50: लैंगिक समानता के लिए आगे आये।
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2017
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कार्य की बदलती दुनिया में महिलाएं: 2030 तक,
ग्रह में सभी 50-50
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2018
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अब समय है: महिलाओं और महिलाओं के जीवन को बदलने
वाले ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता अब हैं: ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के
जीवन को बदल रहे हैं
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2019
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समान सोचें, बिल्ड स्मार्ट, बदलाव के लिए नया करें
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2020
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मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को
महसूस कर रही हूं
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आधुनिक संस्कृति में
अफ़ग़ानिस्तान, अंगोला, आर्मेनिया, आज़रबाइजान, बेलारूस, बुर्किना फासो,कंबोडिया, चीन (केवल महिलाओं के लिए), क्यूबा, जॉर्जिया, गिन्नी - बिसाउ,इरीट्रिया, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, मकदूनिया (केवल महिलाओं के लिए), मडागास्कर (केवल महिलाओं के लिए) माल्डोवा, मंगोलिया, नेपाल (केवल महिलाओं के लिए), रूस, ताजीकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, यूगांडा, यूक्रेन, उज़्बेकिस्तान,वियतनाम, और ज़ाम्बिया में यह दिन एक आधिकारिक अवकाश के रूप में रहता है.
कुछ देशों में, जैसे कैमरून, क्रोएशिया, रोमानिया, मोंटेनेग्रो, बोस्निया और हर्जेगोविना, सर्बिया, बुल्गारिया और चिली में इस दिन कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, हांलाकि फिर भी इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है। इस दिवस पर पुरुष प्रायः अपने जीवन में उपस्थित महिलाओं जैसे दोस्तों, माताओं, पत्नी, गर्लफ्रेंड, बेटियों, सहकर्मियों आदि को फूल या कुछ उपहार देते हैं। कुछ देशों में (जैसे बुल्गारिया और रोमानिया) यह दिन मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है, जहां बच्चे अपनी माताओं और दादी को उपहार भी देते हैं। कामकाजी दुनिया में महिलाएं: प्लैनेट 50-50 बाय 2030
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कथन
“एक महिला होने के नाते भयानक रुप से एक कठिन कार्य है, चूँकि पुरुषों से व्यवहार में मुख्यत रुप से ये बना होता है”।
“इन सभी शताब्दियों में महिलाओं ने सेवा की है क्योंकि इसके स्वाभाविक आकार से दोगुना एक पुरुष के रुप के परावर्तन की मनोहर शक्ति और जादू को देखने वाले शीशे रखतें हैं”।
“अपने हिरोज़ और शी-रोज़ को मनाने और पहचान के लिये हमारे लिये ये कितना जरुरी है”।
“सब मिलाकर, माँ और गृहिणि एकमात्र ऐसे कर्मचारी होते हैं जिनका काम खत्म करने का कोई समय नहीं होता। वो बिना-अवकाश वाले वर्ग होते हैं”।
“एक पुरुष की निश्चितता से ज्यादा अचूक होता है एक महिला का अंदाज़”।
“दिये गये समय की अवधि के लिये इतिहास में एक अनोखे विकास के लिये प्रगति से संबंधित जो भी गौरव रहा हो, नारीत्व के प्रगति से एक पूरा योगदान मतलब रखता है”।
“महिला आंदोलन का दुखी होना होने का मतलब है कि उन्हें प्यार की जरुरत की आजादी नहीं है। मैं व्यक्तिगत रुप से किसी ऐसी क्रांति पर भरोसा नहीं करता जहाँ प्यार की इज़ाजत नहीं है।”
“कुछ परिहास युक्त पर गलती के बिना अब और तब एक पुरुष पर हर वक्त कोई हँस नहीं सकता”।
“नारीवादी पूरी दुनिया का विचार है या समष्टि, महिलाओं के मुद्दे का एकमात्र कपड़ो की धुलाई की सूची नहीं है”।
“बहुत कुछ खूबसूरत जवान लड़कियों पर कहा और गाया है, क्यों कोई बूढ़ी औरत की सुंदरता को जागृत नहीं करता है?”
“ईश्वर महिलाओं को अंतर्ज्ञान और स्त्रीत्व प्रदान करता है। अच्छे से प्रयोग किया जाता है, ये मिश्रण आसानी से किसी पुरुष का दिमाग गड़बड़ कर देती है मैं जब भी मिला हूँ।”
“समाज को जल्दी से बदलने का तरीका है कि विश्वभर की महिलाओं को संगठित कर दिया जाये”।
“स्त्रीत्व एजेंडा मूलभूत है; ये कहता है कि सार्वजनिक न्याय और निजी खुशी के बीच में चुनने के लिये महिलाओं को कभी भी दबाव नहीं देना चाहिये।”
“चूँकि पुरुष और महिला एक-दूसरे के पूरक है, एक सुरक्षित और स्थायी सरकार बनाने के लियेराष्ट्रीय मामलों में हमें महिलाओं के विचार की जरुरत है”।
“आप जहाँ भी देखे महिला नेत्री होती है- एक गृहिणि जो अपने बच्चों को बड़ा करती है और अपने परिवार का नेतृत्व करती है से लेकर सीईओ तक जो सफल 500 कंपनियों में से एक को चलाती है। हमारा देश महिलाओं को मजबूत बनाने के द्वारा बना था और हम दीवार को धव्स्त करना और रुढ़िवादिता का सामना करना जारी रखेंगे।”
“राजनीति में अगर आप कुछ कहते हैं, एक पुरुष से पूछो। अगर आप कुछ करना चाहते हैं, एक महिला से पूछे”।
“महिला समाज की असली शिल्पकार होती हैं”।
“ऐसा सपना देखो जो कभी सपना न बने”।
“महिला पुरष की एक साथी है, जो बराबरी की मानसिक क्षमता के साथ प्रतिभावान है”।
“कोई भी लिखित कानून कभी भी ज्यादा बाध्यकारी होता है बजाय प्रसिद्ध विचार के द्वारा समर्थित अलिखित परंपरा”।