Friday, March 9, 2018

68500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराने पर अड़ गई योगी सरकार, हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ बड़ी बेंच में दाखिल कर रही विशेष अपील, सरकार की याचिका पर आज सुनवाई होने के आसार, निर्णय पर परीक्षा निर्भर


परिषदीय स्कूलों की 2018 की लिखित परीक्षा कराने पर प्रदेश  सरकार अड़ गई है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के विरुद्ध बड़ी बेंच  में विशेष अपील दाखिल की गई है। सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई  होने के आसार हैं। अब हाईकोर्ट के फैसले पर ही लिखित परीक्षा निर्भर रहेगी। सुनवाई के बाद ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव की ओर से दिशा-निर्देश  जारी होंगे।
योगी सरकार की पहली टीईटी व सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती की  लिखित परीक्षा हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले के बाद अधर में अटक गई है। कोर्ट ने टीईटी 2017 की उत्तरकुंजी को खारिज करते हुए परीक्षा में पूछे 14 सवालों को हटाकर नई मेरिट जारी करने का निर्देश दिया है। 68500 शिक्षक  भर्ती की लिखित परीक्षा 12 मार्च को प्रस्तावित है। एडमिट कार्ड  अभ्यर्थियों ने डाउनलोड कर लिए हैं। पहली बार हो रही इस परीक्षा में टीईटी  2017 उत्तीर्ण करने वालों को भी मौका मिला है। चंद दिन बाद ही योगी सरकार  का सालगिरह समारोह होना है। ऐसे में विभागीय अफसरों ने बुधवार को दिन भर  हाईकोर्ट के निर्णय पर मंथन किया और गुरुवार को कोर्ट के आदेश के विरुद्ध  बड़ी बेंच में विशेष अपील दायर की गई है। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होने के आसार हैं। ज्ञात हो कि टीईटी 2017 के 14 प्रश्नों की याचिका इलाहाबाद  हाईकोर्ट में भी दाखिल हुई थी, उसमें कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था, जबकि वैसे ही मामले में लखनऊ खंडपीठ ने कड़ा फैसला दिया है।  विभागीय अफसरों ने हाईकोर्ट की मुख्य पीठ की ओर रुख किया है। अब यहां से  होने वाले निर्णय पर ही लिखित परीक्षा का भविष्य टिका है। लखनऊ खंडपीठ के  निर्णय पर स्थगनादेश होने पर भी विभाग लिखित परीक्षा कराने की दिशा में बढ़ सकता है। अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव विशेष अपील पर निर्णय आने के  बाद ही परीक्षा के संबंध में निर्देश जारी करेंगी। हालांकि जिन अभ्यर्थियों ने लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी, वह भी विशेष अपील का विरोध करने  की तैयारियों में जुटे हैं।
परीक्षा को लेकर अभ्यर्थी भी बंटे : की 12  मार्च को होने वाली लिखित परीक्षा को लेकर अभ्यर्थी भी बंट गए हैं। 300 से  अधिक ने प्रश्नों के गलत जवाब को लेकर लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी, वहीं अभ्यर्थियों के एक गुट ने हाईकोर्ट की मुख्यपीठ में याचिका दाखिल कर  परीक्षा समय पर करवाने की मांग की है।’
l हाईकोर्ट के निर्णय के  खिलाफ बड़ी बेंच में दाखिल कर रही विशेष अपील
l सरकार की याचिका  पर आज सुनवाई होने के आसार, निर्णय पर परीक्षा निर्भर



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