खुशखबरी...... तो अफसरों पर होगी कार्रवाई
पिछले वर्ष अप्रैल से लेकर अब तक करीब पांच हजार से अधिक प्रकरण वित्त नियंत्रक कार्यालय में लंबित हैं, हर बार बजट न होने का हवाला देकर फाइलों को लटकाया जा रहा है, वहीं वित्त नियंत्रक जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया है कि वित्तीय वर्ष में साख सीमा योजना के तहत प्राविधानित वेतन की धनराशि में से पांच प्रतिशत की सीमा तक का भुगतान किया जाए। इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा गया है। अब देरी होने पर संबंधित अफसर शासन के निशाने पर होंगे। साथ ही शिक्षक व कर्मचारियों को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
वित्त नियंत्रक स्वीकृत पत्रवलियों का एक वर्ष से नहीं कर रहे थे भुगतान
प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों का लंबे समय अटका देयकों का भुगतान अब जल्द होगा। माध्यमिक शिक्षा की प्रमुख सचिव ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक को निर्देश जारी कर दिया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक, अपर शिक्षा निदेशक व माध्यमिक शिक्षा निदेशक व शासन स्तर से स्वीकृत करीब पांच हजार फाइलें वित्त नियंत्रक कार्यालय में पहले से जमा हैं। प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष ही सातवां वेतनमान लागू किया है लेकिन, अशासकीय कालेजों के शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मियों को तमाम देयकों का भुगतान तमाम प्रयास के बाद भी नहीं पा रहा था। इसकी शासन तक शिकायतें हुई तो प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा संध्या तिवारी ने आदेश दिया है कि वेतन वृद्धि, प्रोन्नत वेतनमान, चयन वेतनमान, समयमान वेतनमान, पदोन्नति अवशेष, ग्रेड वेतन का अवशेष, मातृत्व अवकाश का अवशेष और चिकित्सा अवकाश का अवशेष आदि का जल्द भुगतान किया जाए। असल में शिक्षक व कर्मचारियों के अवशेष में से एक लाख रुपये तक का संयुक्त शिक्षा निदेशक, एक से दो लाख का अपर शिक्षा निदेशक व दो से पांच लाख रुपये का शिक्षा निदेशक माध्यमिक और इससे ऊपर का भुगतान शासन की अनुमति से होता है।
देरी होने पर संबंधित अफसर होंगे शासन के निशाने पर