सीएम योगी की मंजूरी के बाद सोमवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने अधीनस्थ
सेवा चयन बोर्ड का गठन कर दिया। अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी चन्द्रभूषण पालीवाल
को इसका अध्यक्ष बनाया गया है।
साफ छवि के चन्द्रभूषण पालीवाल सपा सरकार में नगर विकास के प्रमुख सचिव रह चुके हैं। आजम खां के चलते इन्हें वहां से हटाकर राजस्व परिषद भेज दिया गया था। दो साल पहले वह रिटायर हुए थे।
इनके अलावा हृदय नारायण राव, डॉ सीमा रानी, डॉ ओंकार प्रसाद मिश्र, अरुण कुमार और अशोक कुमार अग्रवाल को सदस्य नियुक्त किया गया है।
रविवार शाम बहुप्रतीक्षित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन के लिए अध्यक्ष व सदस्यों के नाम पर सीएम ने सहमति दी थी। इसके साथ समूह ‘ग’ की भर्तियां शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान में प्रदेश में समूह ‘ग’ के करीब 60 हजार पद खाली हैं।
साफ छवि के चन्द्रभूषण पालीवाल सपा सरकार में नगर विकास के प्रमुख सचिव रह चुके हैं। आजम खां के चलते इन्हें वहां से हटाकर राजस्व परिषद भेज दिया गया था। दो साल पहले वह रिटायर हुए थे।
इनके अलावा हृदय नारायण राव, डॉ सीमा रानी, डॉ ओंकार प्रसाद मिश्र, अरुण कुमार और अशोक कुमार अग्रवाल को सदस्य नियुक्त किया गया है।
रविवार शाम बहुप्रतीक्षित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन के लिए अध्यक्ष व सदस्यों के नाम पर सीएम ने सहमति दी थी। इसके साथ समूह ‘ग’ की भर्तियां शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान में प्रदेश में समूह ‘ग’ के करीब 60 हजार पद खाली हैं।
योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राज किशोर
यादव व एक को छोड़ बाकी अन्य सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। उस समय आयोग में तमाम
पदों के लिए इंटरव्यू हो रहे थे।
तभी से आयोग के पुनर्गठन का प्रस्ताव लंबित था। अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए बड़ी संख्या में अवकाश प्राप्त प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं व समाज के अन्य वर्ग से आवेदन आए थे।
आयोग के गठन की देरी की वजह से प्रदेश में जगह-जगह आंदोलन हो रहे थे। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री वाराणसी गए तो वहां भी रिक्त आयोगों के गठन को लेकर आंदोलन हुए थे।
रविवार को लखनऊ लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी।
तभी से आयोग के पुनर्गठन का प्रस्ताव लंबित था। अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए बड़ी संख्या में अवकाश प्राप्त प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं व समाज के अन्य वर्ग से आवेदन आए थे।
आयोग के गठन की देरी की वजह से प्रदेश में जगह-जगह आंदोलन हो रहे थे। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री वाराणसी गए तो वहां भी रिक्त आयोगों के गठन को लेकर आंदोलन हुए थे।
रविवार को लखनऊ लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी।