झारखंड
में हाईकोर्ट ने राज्य में चल रही हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया का विज्ञापन
रद कर दिया है। न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की बेंच ने हरी शर्मा और अन्य की याचिका
पर सुनवाई के बाद गुरुवार को यह आदेश सुनाया।
याचिका में कहा गया था कि
हाईस्कूल में शिक्षक नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन में राजनीति विज्ञान और
इतिहास विषय में स्नातक उत्तीर्ण छात्रों को ही आवेदन करने का प्रावधान किया गया
था जबकि नागरिक शास्त्र विषय के लिए भी रिक्तियां दिखाई गई थीं। अदालत ने इसको सही
नहीं माना और पूरा विज्ञापन ही रद करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में
विज्ञापन के इस प्रावधान को गलत और भेदभावपूर्ण करार दिया है।
अदालत ने
राज्य कर्मचारी चयन आयोग को 2015 की
नियमावली और हाईकोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए फिर से विज्ञापन निकालने का
आदेश दिया। विदित हो कि हाईस्कूलों में करीब 17,900 शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया था। अदालत ने
अपने फैसले में यह भी कहा है कि पूर्व में आवेदन करने वाले छात्रों को दुबारा
आवेदन नहीं देना होगा, नये
विज्ञापन में उम्र सीमा की गणना पुराने के अनुसार ही की जाएगी ताकि कोई भी
अभ्यर्थी आवेदन देने से वंचित न रह जाए। इसी प्रकार गणित विषय के साथ भौतिकी और
रसायन के विषय के कांबिनेशन को अदालत ने गलत नहीं माना और इस संबंध में दायर दो
याचिकाओ को खारिज कर दिया।
पहले दो बार निकला था विज्ञापन
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने पहली बार 28 दिसंबर 2016 में विज्ञापन निकाला था। लेकिन इसमें कुछ विसंगतियां थीं। इतिहास और राजनीति शास्त्र में 45 प्रतिशत अंक रखा गया था। छात्रों ने इसका जोरदार विरोध किया। छात्रों के विरोध को देखते हुए कर्मचारी चयन आयोग ने पुराने विज्ञापन को वापस ले लिया और उपर्युक्त दोनों विषयों से 45 फीसदी अंक होने की शर्त को हटा दिया। आयोग ने दुबारा चार फरवरी 2017 को विज्ञापन निकाला। छह फरवरी से उम्मीदवारों ने आवेदन पत्र भरना शुरू किया। 17900 पदों के लिए एक लाख दस हजार आवेदन पत्र आयोग को प्राप्त हुए हैं।
झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने पहली बार 28 दिसंबर 2016 में विज्ञापन निकाला था। लेकिन इसमें कुछ विसंगतियां थीं। इतिहास और राजनीति शास्त्र में 45 प्रतिशत अंक रखा गया था। छात्रों ने इसका जोरदार विरोध किया। छात्रों के विरोध को देखते हुए कर्मचारी चयन आयोग ने पुराने विज्ञापन को वापस ले लिया और उपर्युक्त दोनों विषयों से 45 फीसदी अंक होने की शर्त को हटा दिया। आयोग ने दुबारा चार फरवरी 2017 को विज्ञापन निकाला। छह फरवरी से उम्मीदवारों ने आवेदन पत्र भरना शुरू किया। 17900 पदों के लिए एक लाख दस हजार आवेदन पत्र आयोग को प्राप्त हुए हैं।