विश्व दृष्टिदान दिवस (International Eye Donation Day)
प्रत्येक वर्ष विश्व के विभिन्न
देशों में नेत्रदान की महत्ता को समझते हुए 10 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय
दृष्टिदान दिवस’ के रुप में मनाया जाता है। इसके जरिए लोगों
में नेत्रदान करने की जागरुकता फैलाई जाती है।
विश्व दृष्टिदान दिवस का उद्देश्य
नेत्रदान के महत्व के बारे में व्यापक पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करना है तथा
लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आँखें दान करने की शपथ लेने के लिए प्रेरित करना है।
विकासशील देशों में प्रमुख
सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक दृष्टिहीनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के
अनुसार, कॉर्निया की बीमारियाँ (कॉर्निया की क्षति,
जो कि आँखों की अगली परत हैं) मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के बाद,
होने वाली दृष्टि हानि और अंधापन के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
नेत्रदान
के महत्व को देखते हुए हर साल 10 जून को विश्व नेत्रदान दिवस (Eye
Donation Day) मनाया जाता हैं। इस दिन
नेत्रदान करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता हैं। नेत्रदान करना महादान करने
जैसा होता हैं। लोग धन, अन्न, विद्या,
श्रम, रक्तदान, आदि का
दान तो करते ही हैं लेकिन लोगों को मरने से पहले नेत्रदान करने का भी संकल्प लेना
चाहिए। ताकि जो व्यक्ति नेत्रहिन हैं उन्हें एक नई रोशनी मिल सकें।
विश्व
नेत्रदान का उद्देश्य
जीवन में आँखों का क्या
महत्व होता हैं। इसके महत्व को व्यापक पैमाने पर समझाने और जनता को जागरूक करने के
लिए विश्व Eye Donation Day मनाया जाता हैं और लोगों के मरने के बाद अपनी आखें दान करने की शपथ लेने
के लिए प्रेरित करना भी इसका उद्देश्य हैं। जो व्यक्ति
नेत्रहीन हैं या किसी कारणवश उनकी आखों की रोशनी चली गई हैं। वो किसी तरह इस
खूबसूरत दुनिया को देख सकें। इसलिए लोगों को मरनें से पहले आखें दान करने के लिए
जागरूक किया जाता हैं।