‘विश्व
उच्चरक्तचाप दिवस' सारे विश्व में मनाया जाता है। हाई
ब्लड प्रेशर के खतरों और इसे कंट्रोल करने व ठीक करने के तरीकों के बारे में
जागरूक किया जाए. उच्चरक्तचाप दिवस पूरे विश्व में आज
एक गंभीर समस्या हैं। हर साल 'विश्व उच्चरक्तचाप दिवस' के माध्यम से पूरे विश्व के लोगों में इसके बारे में जागरूकता फैलाई जाती
है।
हाई
ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन
या उच्चरक्तचाप है। हमारे शरीर में मौजूद रक्त नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी रक्त के माध्यम से शरीर के सभी
अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की
दीवारों पर पड़ता है। आमतौर पर यह ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से
रक्त को पंप कर रहा है और रक्त को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का
सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार 130/80
mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन
या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।
गलत
खानपान के चलते व गलत आदतों के कारण हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है।
लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। साथ ही उन्हें बताया जाता है कि इस खतरनाक बीमारी से कैसे
बचाव किया जा सकता है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पहली बार साल 2005 में वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग द्वारा मनाया गया था।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के खतरों
के बारे में बताया जाए और इसे कंट्रोल करने व ठीक करने के तरीकों के बारे में
जागरूक किया जाए।
हाइपरटेंशन
एक ऐसी बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे आपका हृदय, किडनी व शरीर के दूसरे
अंग काम करना बंद कर सकते हैं। हाइपरटेंशन एक साइलेंट
किलर है। हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण शारीरिक और कुछ मानसिक होते हैं। हाइपरटेंशन में
रक्तचाप 140 के पार पहुंच जाता है।
कारण
देर
रात को भोजन करना, स्मार्टफोन पर लंबे वक्त तक समय बिताना, शारीरिक व्यायाम ना करने के चलते हाइपरटेंशन की समस्या होने लगती है। इसके
अलावा स्ट्रेस, गलत खानपान और आधुनिक जीवनशैली के कारण
हाइपरटेंशन हो सकता है।
लक्षण
हाइपरटेंशन
में चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत शुरू होती है। ये सब हाइपरटेंशन के लक्षण हैं। इसके
अलावा बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, गुस्सा आना शुरू हो जाता है। हाइपरटेंशन के कारण व्यक्ति शारीरिक एवं
मानसिक रूप से परेशान हो जाता है।
उपचार
2006 से 17 मई को हर वर्ष हाइपरटेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अनियंत्रित जीवनशैली के कारण होने वाली ये स्वास्थ्य समस्या हर वर्ग के लोगों के
लिए घातक बन चुकी है। यह एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें
धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है। सामान्य स्थित में रक्त प्रवाह 120/80 से 140/90 के बीच रहता है। लेकिन जैसे ही
ब्लड प्रेशर इससे अधिक होने लगता है उच्च रक्तचाप की
समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से दवाइयां तो लें साथ ही कुछ
घरेलू उपचार भी उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से आप अपना ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रख
सकते हैं।
मृत्यु दर और विकलांगता
विश्व
में पांच में एक वयस्क का रक्तचाप बढ़ा है। यह स्थिति स्ट्रोक और हृदय रोग से होने
वाली आधी मृत्यु का कारण है। प्रति वर्ष विश्व भर में उच्च रक्तचाप की जटिलताओं के
कारण नौ दशमलव चार मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है। लगभग सभी उच्च-आय वाले
देशों में, कम लागत वाली दवाओं के साथ व्यापक निदान और
उपचार से समस्त जनसंख्या के उच्च रक्तचाप के साथ-साथ औसत रक्तचाप में महत्वपूर्ण
कमी आयी है। इसने हृदय रोग से होने वाली मृत्यु को कम करने में योगदान दिया है।
उदाहरण के लिए वर्ष 2014 में अमेरिका के
डब्ल्यूएचओ क्षेत्र में रक्तचाप की व्यापकता वर्ष 1980 में 31% की तुलना में 18% थी।
इसके
विपरीत निम्न आय वाले देशों में उच्च रक्तचाप की प्रधानता है। डब्ल्यूएचओ के अफ्रीकी क्षेत्रों के
कई देशों में तीस प्रतिशत से अधिक वयस्क उच्च रक्तचाप से
पीड़ित है। यह अनुपात बढ़ रहा है तथा इस क्षेत्र में औसत रक्तचाप का स्तर वैश्विक
औसत रक्तचाप की तुलना में काफी अधिक हैं। विकासशील देशों में उच्च रक्तचाप से
पीड़ित कई लोग अपने रोग के बारे में जागरूक नहीं हैं। जिन लोगों में रोग पाया गया
है, उनके पास उपचार की पहुंच उपलब्ध नहीं है तथा वे
लंबे समय तक अपने रोग को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होते है। इस
स्थिति ने हृदय रोग, स्ट्रोक और गुर्दें की विफलता और
समय से पहले होने वाली मृत्यु दर और विकलांगता के भार में योगदान दिया है। उच्च
रक्तचाप का निदान, उपचार एवं नियंत्रण विश्वभर में एक
महत्वपूर्ण स्वास्थ्य प्राथमिकता है।