विश्व शरणार्थी दिवस World
Refugee Day प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्वभर में मनाया जाता है।
यह दिवस प्रत्येक वर्ष 20 जून को उन लोगों के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। शरणार्थियों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने और शरणार्थी समस्याओं को हल करने के लिए ही यह दिवस मनाया जाता है।
दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र ने अफ्रीका शरणार्थी दिवस यानी 20 जून को प्रतिवर्ष विश्व शरणार्थी दिवस मनाने का निर्णय लिया। वर्ष 2001 से प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का मुख्य कारण लोगों में जागरुकता फैलानी है कि कोई भी इंसान अमान्य नहीं होता फिर चाहे वह किसी भी देश का हो। एकता और समंवय की भावना रखते हुए हमें सभी को मान्यता देनी चाहिए। म्यांमार, लीबिया, सीरिया, अफ़ग़ानिस्तान, मलेशिया, यूनान और अधिकांश अफ़्रीकी देशों से हर साल लाखों नागरिक दूसरे देशों में शरणार्थी के रूप में शरण लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यू.एन.एच.सी.आर. (United Nations
High Commissioner for Refugees) शरणार्थी लोगों की सहायता करती है। अफ्रीकी एकता संगठन (OAU) भी 20 जून के लिए सहमत हो गया क्योंकि अफ्रीकी शरणार्थी दिवस अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस के साथ मेल खाता है।
विश्व शरणार्थी दिवस के मुख्य विषय (थीम):
इस दिवस पर पिछले वर्षों के लिए विषय (थीम) इस प्रकार हैं:-
विश्व शरणार्थी दिवस 2019 का विषय (थीम) – ‘‘रिफ्यूजियों से
हमारा वैश्विक रिश्ता है।“
- 2018 - ” “अब से कहीं ज्यादा, हमें शरणार्थियों के साथ खड़े होने की जरूरत है” (Now More Than Ever, We Need to Stand with Refugees)।
- 2017 - “शरणार्थियों को हमारी आम मानवता का जश्न मनाने के लिए गले लगाओ” (Embracing Refugees to Celebrate our Common Humanity)।
- 2016 - “हम शरणार्थियों के साथ मिलकर खड़े हैं” (We Stand Together with Refugees)।
- 2015 - “साहस के साथ, हम सभी को गठबंधन करते हैं” (With Courage, Let Us All Combine)।
- 2014 - “प्रवासियों और शरणार्थियों: एक बेहतर दुनिया के लिए” (Migrants and Refugees: Towards a Better World)।
- 2013 - “पलायन करने को मजबूर किसी परिवार की 1 मिनट के लिए सहायता करें।” (Take One Minute to Support a Family Forced to Flee)।
- 2012 - “युद्ध के अलावा एक परिवार फटा हुआ बहुत अधिक है” (One Family Torn Apart by War Is Too Many)।
- 2011 - “आशा के बिना एक शरणार्थी बहुत अधिक है” (One Refugee without Hope Is Too Many)।
- 2010 - “एक शरणार्थी फिसलने के लिए मजबूर होना बहुत अधिक है” (One Refugee Forced to Flee Is Too Many)।
- 2009 - “घर है” (Home)।
- 2008 - “संरक्षण है” (Protection)।
- 2007 - “दृढ़ता है” (Perseverance)।
- 2006 - “आशा है” (Hope)।
- 2005 - “साहस है” (Courage)।
- 2004 - “साहस” (Courage)।
- 2003 - “शरणार्थी युवा: भविष्य का निर्माण है” (Refugee Youth: Building the Future)।
- 2002 - “सहिष्णुता है” (Tolerance)।
- 2001: “सम्मान” (Respect)।