विश्वभर में 28 अप्रैल को कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है . दुनिया भर में काम के दौरान होने वाले हादसों और बीमारियों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 'कर्मचारी सुरक्षा और स्वास्थ्य दिवस' मनाया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी
अभियान में कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने एवं
उनके उचित उपयोग के लिए उनकी क्षमता में सुधार हेतु फोकस किया गया है.
उद्देश्य:
अंतरराष्ट्रीय मजदूर संगठन (आईएलओ)
द्वारा इस दिवस की घोषणा की गयी. इसे प्रतिवर्ष 2003 से मनाया जा रहा है, इसका उद्देश्य कार्यस्थल पर कार्यरत कर्मचारियों को सुरक्षा एवं अन्य
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. आईएलओ वर्ष 2003 में
ट्रेड यूनियनों के आग्रह पर इसमें शामिल हुआ.
आईएलओ द्वारा यह अभियान दुनिया भर में मजदूरों की
परेशानियों एवं उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर उपायों एवं सुविधा हेतु सरकारों को
जागरूक करना है.
यह दिवस क्यों मनाया जाता है?
कार्यस्थल पर सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विश्व दिवस मुख्य
रूप से कार्यस्थल पर किसी प्रकार की दुर्घटना एवं बीमारियों से बचाव का प्रसार
करता है. यह जागरूकता संबंधी कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत लोगों को यह बताया जाता
है कि वे कार्यस्थल पर किस तरह विभिन्न बीमारियों एवं दुर्घटनाओं से बच सकते हैं.
मुख्य बिंदु:
• प्रतिदिन
कार्यस्थल पर होने वाली दुर्घटनाओं अथवा कार्यस्थल पर होने वाली बीमारियों के
परिणामस्वरूप 6300 लोग मारे जाते हैं.
• इसका अर्थ है
प्रत्येक वर्ष इसी कारण 2.3 मिलियन लोग इसी कारण मारे जाते
हैं.
• प्रत्येक वर्ष 317
मिलियन लोग कार्यस्थल पर ही दुर्घटना के कारण मारे जाते हैं.
• ख़राब व्यावसायिक
सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के कारण वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद मंव चार प्रतिशत का
अतिरिक्त बोझ पड़ता है.
सतत
सुरक्षा विकास हेतु संयुक्त राष्ट्र 2030 के
एजेंडे के अनुसार व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य
• संयुक्त राष्ट्र
द्वारा 25 सितंबर 2015 को सतत विकास
लक्ष्यों हेतु एजेंडा अपनाया गया था. इसी प्रक्रिया में सतत विकास लक्ष्य 8
भी अपनाया गया.
• सतत विकास लक्ष्य 8
के अनुसार समावेशी और स्थायी आर्थिक विकास, पूर्ण
और उत्पादक रोजगार तथा सभी के लिए सभ्य काम शामिल हैं.
• इसका लक्ष्य श्रम
अधिकारों की सुरक्षा और सभी कामगारों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध कराना
है.
• संयुक्त राष्ट्र
के इस लक्ष्य में प्रवासी श्रमिक, महिला प्रवासी और अनिश्चित
रोजगार वाले लोग शामिल हैं.