चुनाव को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार आयी हरकत में
चुनावी वर्ष को देखते हुए प्रदेश सरकार भी हरकत में आ गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के समय पूरे देश में लागू सातवें वेतन आयोग की सिफारिश का लाभ यूपी के हर शिक्षक व कर्मचारी को देने की घोषणा की थी तबसे शासनादेशका इन्तजार किया जा रहा है। बता चले कि इस तरह की घोषणा सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की जरूर थी, लेकिन वह उसे क्रियान्वित नहीं कर पाए। इस दिशा में वह कुछ करते इससे पहले उनकी सरकार ही चली गई। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए तो यह योजना क्रियान्वित कर दी गई। अफसरों और सरकारी कर्मचारियों को तो इसका लाभ मिला लेकिन सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारी इस योजना के लाभ से वंचित रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव की आहट सुनते ही योगी सरकार हरकत में आई और प्रदेश भर के कार्यरत माध्यमिक शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी कर दी। साथ ही निर्णय लिया कि सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जाएगा। योगी सरकार का बड़ा फैसला योगी सरकार के इस फैसले के तहत सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया कि राजकीय व सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से जनवरी 2015 के पूर्व सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन का पुन:निर्धारण कर उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों और उप शिक्षा निदेशकों को आदेश जारी कर दिया गया। सरकार के निर्देश के बाद कोषागार और विद्यालयों से सारे पेंशन होल्डर्स के रिकार्ड खंगालने का काम शुरू हो गया है। राजकीय व सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों के साथ ही ऐसे कर्मचारी जिनका निधन हो गया है और उनकी पत्नी या अन्य पाल्य पारिवारिक पेंशन का लाभ हासिल कर रहे है। बनारस मंडल के 11,461 पेंशनर्स को मिलेगा लाभ -बनारस मंडल के वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर और चंदौली के 11461 पेंशनर्स को इसका लाभ दिया जाना सुनिश्चत हुआ है। उप शिक्षा निदेशक ओंकार शुक्ल ने बताया कि यह आंकड़ा अब तक प्राप्त प्रत्रावलियों के आधार पर है। बताया कि यह पेंशन पुन: निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करने की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। जैसे-जैसे लोग अपनी पत्रावलि इस कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे उनके पेंशन का पुन: निर्धारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुन: संशोधन के बाद चाहे जितना पुराना प्रकरण हो न्यूनतम 500 रु पये का फायदा तो होना ही है ।
चुनावी वर्ष को देखते हुए प्रदेश सरकार भी हरकत में आ गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के समय पूरे देश में लागू सातवें वेतन आयोग की सिफारिश का लाभ यूपी के हर शिक्षक व कर्मचारी को देने की घोषणा की थी तबसे शासनादेशका इन्तजार किया जा रहा है। बता चले कि इस तरह की घोषणा सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की जरूर थी, लेकिन वह उसे क्रियान्वित नहीं कर पाए। इस दिशा में वह कुछ करते इससे पहले उनकी सरकार ही चली गई। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए तो यह योजना क्रियान्वित कर दी गई। अफसरों और सरकारी कर्मचारियों को तो इसका लाभ मिला लेकिन सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारी इस योजना के लाभ से वंचित रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव की आहट सुनते ही योगी सरकार हरकत में आई और प्रदेश भर के कार्यरत माध्यमिक शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतनमान में बढ़ोत्तरी कर दी। साथ ही निर्णय लिया कि सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जाएगा। योगी सरकार का बड़ा फैसला योगी सरकार के इस फैसले के तहत सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया कि राजकीय व सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से जनवरी 2015 के पूर्व सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन का पुन:निर्धारण कर उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों और उप शिक्षा निदेशकों को आदेश जारी कर दिया गया। सरकार के निर्देश के बाद कोषागार और विद्यालयों से सारे पेंशन होल्डर्स के रिकार्ड खंगालने का काम शुरू हो गया है। राजकीय व सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों के साथ ही ऐसे कर्मचारी जिनका निधन हो गया है और उनकी पत्नी या अन्य पाल्य पारिवारिक पेंशन का लाभ हासिल कर रहे है। बनारस मंडल के 11,461 पेंशनर्स को मिलेगा लाभ -बनारस मंडल के वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर और चंदौली के 11461 पेंशनर्स को इसका लाभ दिया जाना सुनिश्चत हुआ है। उप शिक्षा निदेशक ओंकार शुक्ल ने बताया कि यह आंकड़ा अब तक प्राप्त प्रत्रावलियों के आधार पर है। बताया कि यह पेंशन पुन: निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करने की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। जैसे-जैसे लोग अपनी पत्रावलि इस कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे उनके पेंशन का पुन: निर्धारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुन: संशोधन के बाद चाहे जितना पुराना प्रकरण हो न्यूनतम 500 रु पये का फायदा तो होना ही है ।