नई दिल्ली: डिग्रियों के फर्जीवाड़े को रोकने की
सरकार की मुहिम तेजी से आगे तो बढ़ी है, पर राज्यों के विश्वविद्यालय
इसकी राह में अभी भी एक बड़ी बाधा बने हुए है। सभी राज्यों को नेशनल एकेडमिक
डिपाजिटरी स्कीम से जुड़ने की सलाह दी गई थी। लेकिन देश के कुल 367 राज्य विश्वविद्यालयों में से अभी तक सिर्फ 147 ही
इससे जुड़े हैं। स्कीम से अब तक ना जुड़ने वाले राज्यों के विश्वविद्यालयों में
बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश और बिहार
जैसे राज्यों के भी हैं। देश के शैक्षणिक संस्थानों से मिलने वाली डिग्रियों को
विश्वसनीय बनाने और उन्हें फर्जीवाड़े से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल
नेशनल एकेडमिक डिपाजिटरी (नैड) स्कीम की शुरुआत की थी। इसके तहत डिग्रियों को
डिजिटल तकनीक के जरिए ऑनलाइन सुरक्षित करना और जरूरत पड़ने पर आसानी से डाउनलोड
करना भी शामिल है। 1स्कीम
के तहत देश के सभी विवि और राज्यों के शिक्षा बोर्ड को शामिल किया जाना है। लेकिन
अब तक इससे 42 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 147 राज्य विश्वविद्यालय और राज्यों के 23 स्कूली शिक्षा
बोर्ड सहित कुल 413 शैक्षणिक संस्थान ही जुड़े हैं।