वाराणसी। मदरसा खानम जान अरबिक स्कूल की सहायक अध्यापिका की पदोन्नति के आदेश को मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही उनकी नियुक्ति भी रद्द कर दी गई है। सहायक अध्यापिका पर आरोप है कि उन्होंने नियुक्ति के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किया था। रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने उनकी नियुक्ति और पदोन्नति को निरस्त करते हुए 2008 से हुए वेतन भुगतान की रिकवरी का आदेश जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हो दिया है।
मदरसा खानम जान में नौशाबा नसरीन की नियुक्ति सहायक अध्यापिका फौकानिया पद पर 28 मार्च 2006 में की गई थी। इसके बाद 28 दिसंबर 2007 में उनकी पदोन्नति सहायक अध्यापिका आलिया पद पर की गई। प्रदेश सरकार के आदेश पर मदरसों के मानकों की जब जांच की गई तो पता चला कि नौशाबा नसरीन ने नियुक्ति के लिए जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे वो फर्जी हैं। 23 जनवरी को 2018 को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विजय प्रताप यादव ने रजिस्ट्रार का इस मामले से अवगत कराया। इसे संज्ञान में लेते हुए पांच अप्रैल को रजिस्ट्रार ने नौशाबा की नियुक्ति को अवैध मानते हुए नियुक्ति और पदोन्नति दोनों निरस्त कर दी है। साथ ही बीते 12 साल के वेतन भुगतान का वापस लिए जाने की कार्यवाही को निर्देशित किया है।