मिड डे मील में परोसा जाएगा फोर्टिफाइड चावल
बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए जल्द ही मिड डे मील में अधिक आयरन वाला फोर्टिफाइड चावल परोसा जाएगा। हाल ही में स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला हुआ है। मंत्रालय इस बारे में कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि करीब 70 फीसदी प्री-स्कूल बच्चे आयरन की कमी के चलते रक्त अल्पता के शिकार हैं। वहीं, 57 फीसदी बच्चों में विटामिन ए की कमी है। इसे दूर करने के लिए कई राज्यों ने फोर्टिफाइड आटा और फोर्टिफाइड खाद्य तेल को मिड डे मील में शामिल किया है। हालांकि, देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां मुख्य आहार चावल होता है। ऐसे में मंत्रालय ने चावल में आयरन का अंश बढ़ाकर उसे मिड डे मील में देने का निर्णय किया है। सूत्र ने बताया कि फिलहाल इसे प्रायोगिक आधार पर कुछ राज्यों में ही शुरू किया जाएगा। इसके नतीजे देखने के बाद फोर्टिफाइड चावल को पूरे देश के मिड डे मील में शामिल कर लिया जाएगा।
सूत्र ने बताया कि इस बाबत कैबिनेट नोट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। अगले कुछ सप्ताह में इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। मालूम हो, मिड डे मील दुनिया का सबसे बड़ा फूड कार्यक्रम है। इसके तहत 11.40 लाख स्कूलों के 9.78 करोड़ बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाता है।
भारत के खाद्य नियामक भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मिड डे मील और आंगनबाड़ियों में दिसंबर 2019 तक फोर्टिफाइड आटा, फोर्टिफाइड खाद्य तेल और दोगुने आयोडीन वाले नमक की आपूर्ति देने का लक्ष्य रखा है। वहीं, गुजरात, कर्नाटक समेत करीब आधा दर्जन राज्य अपने यहां पहले से ही फोर्टिफाइड खाद्य उत्पादों का उपयोग करते हैं।
क्या है फोर्टिफिकेशन?
किसी खाद्य पदार्थ में विटामिन और आयरन जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को मिलाने की प्रक्रिया को फोर्टिफिकेशन कहा जाता है।