Friday, March 2, 2018

हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब, शिक्षकों की भर्ती में उर्दू क्यों नहीं


यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मो. मुंतसिम की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है. कोर्ट ने भर्ती परीक्षा 12 मार्च को होने के कारण राज्य सरकार को 7 मार्च तक जानकारी देने को कहा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 65500 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा में उर्दू भाषा को शामिल नहीं करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मो. मुंतसिम की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है. कोर्ट ने भर्ती परीक्षा 12 मार्च को होने के कारण राज्य सरकार को 7 मार्च तक जानकारी देने को कहा है.

बता दें कि याची उर्दू से बीटीसी उत्तीर्ण है. उसने टीईटी 2017 में भी उर्दू भाषा ली थी, लेकिन 9 जनवरी 2018 को विज्ञापित 65500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में संस्कृत, हिन्दी व अंग्रेजी ही है. उर्दू को नहीं रखा गया है. याची का कहना है कि वह उर्दू के अलावा दूसरी भाषा चुनने में असमर्थ है क्योंकि उसने दूसरा कोई विकल्प लिया ही नहीं था.

यह भी कहा गया की इस परीक्षा में संस्कृत विषय चुनने वालों को लाभ होगा क्योंकि संस्कृत बीटीसी व टीईटी के साथ शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रम में भी है. इससे याची के समानता के अधिकार का हनन हो रहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को यूपी. जहां यूपी सरकार के अधिवक्ता सरकार का पक्ष रखेंगे.


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