तराई व नेपाल के पहाड़ों पर झमाझम बरसात से
घाघरा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। नदी खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है।
तटीय क्षेत्रों पर लहरें तेजी से कटान कर रही हैं। महसी और कैसरगंज क्षेत्र में
हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।
यहां मंगलवार रात से बुधवार शाम तक 60 बीघा खेती योग्य जमीन नदी में समाहित हो चुकी है। घाघरा ने बुधवार सुबह कायमपुर
प्राथमिक विद्यालय को भी लील लिया। अब स्कूल का अस्तित्व खत्म हो गया है। जरमापुर, मंगलपुरवा समेत तटवर्ती गांवों में कटान से ग्रामीण दहशत में हैं।
भारी वर्षा से घाघरा उफान की स्थिति में आ गई है। अभी तक तट से ढाई फीट नीचे बह रहा घाघरा का जलस्तर तट के बराबर आ गया है। कटान बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग संस्थान घाघराघाट के मापक जगदीश साहनी ने बताया कि निरंतर हो रही वर्षा से घाघरा नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है।
बुधवार शाम चार बजे नदी का जलस्तर 105.196 मीटर दर्ज हुआ। अगर नदी के जलस्तर बढ़ने की यही स्थिति रही तो आगामी 24 घंटे में नदी खतरे का निशान पार कर सकती है।
जलस्तर बढ़ने के साथ ही महसी तहसी तहसील क्षेत्र में लोगों की मुसाीबत बढ़ने लगी है। कायमपुर, मंगलपुरवा, जरमापुर, पिपरी, चुरईपुरवा गांवों में नदी तट के बराबर बह रही है।
कायमपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय भवन सोमवार को नदी में समाहित हो गया था। अतिरिक्त कक्ष बचा था, वह भी बुधवार सुबह घाघरा की लहरों में समाहित हो गया। अब नदी की लहरें स्कूल तक जाने वाले मार्ग को लील रही हैं। जरमापुर निवासी मूसुद्दीन के मकान पर कटान हो रही है।
भारी वर्षा से घाघरा उफान की स्थिति में आ गई है। अभी तक तट से ढाई फीट नीचे बह रहा घाघरा का जलस्तर तट के बराबर आ गया है। कटान बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग संस्थान घाघराघाट के मापक जगदीश साहनी ने बताया कि निरंतर हो रही वर्षा से घाघरा नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है।
बुधवार शाम चार बजे नदी का जलस्तर 105.196 मीटर दर्ज हुआ। अगर नदी के जलस्तर बढ़ने की यही स्थिति रही तो आगामी 24 घंटे में नदी खतरे का निशान पार कर सकती है।
जलस्तर बढ़ने के साथ ही महसी तहसी तहसील क्षेत्र में लोगों की मुसाीबत बढ़ने लगी है। कायमपुर, मंगलपुरवा, जरमापुर, पिपरी, चुरईपुरवा गांवों में नदी तट के बराबर बह रही है।
कायमपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय भवन सोमवार को नदी में समाहित हो गया था। अतिरिक्त कक्ष बचा था, वह भी बुधवार सुबह घाघरा की लहरों में समाहित हो गया। अब नदी की लहरें स्कूल तक जाने वाले मार्ग को लील रही हैं। जरमापुर निवासी मूसुद्दीन के मकान पर कटान हो रही है।