डिप्टी सीएम
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में 166 दीनदयाल उपाध्याय मॉडल विद्यालय खोले जाएंगे। इन स्कूलों में एनसीईआरटी का
पाठ्यक्रम लागू होगा और अगले शिक्षण सत्र से 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में विद्यार्थियों को प्रवेश कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक
गतिविधियों का दबाव कम करने और बच्चों को तनाव मुक्त शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने
के लिए सरकार कई परिवर्तन करने जा रही है। वे गुरुवार को लोकभवन में रानी
लक्ष्मीबाई पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की दशा और दिशा में बदलाव के लिए मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रुचि लेकर विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि गैर शैक्षणिक गतिविधियों के दबाव से शिक्षक दुखी हैं। इससे वे सही ढंग से अध्यापन नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों के दुख को दूर करने के लिए सरकार जल्द ही अध्याधेश लाएगी।
सरकार के इस कदम से उसे भी शिक्षकों से अपेक्षा है कि वे नियमित कक्षा में जाएं और बेहतर अध्यापन कर एक अच्छी पीढ़ी के निर्माण में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की दशा और दिशा में बदलाव के लिए मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रुचि लेकर विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि गैर शैक्षणिक गतिविधियों के दबाव से शिक्षक दुखी हैं। इससे वे सही ढंग से अध्यापन नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों के दुख को दूर करने के लिए सरकार जल्द ही अध्याधेश लाएगी।
सरकार के इस कदम से उसे भी शिक्षकों से अपेक्षा है कि वे नियमित कक्षा में जाएं और बेहतर अध्यापन कर एक अच्छी पीढ़ी के निर्माण में सहयोग करें।
फीस बढोत्तरी में सरकार व
अभिभावकों का ध्यान रखें स्कूल
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के
विद्यालयों से भी सरकार की अपेक्षा है कि वे शुल्क बढ़ोतरी में सरकार की मंशा और
अभिभावकों की समस्या का ध्यान रखें।
डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले प्रदेश में सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान नहीं होता था। केवल प्रथम तीन स्थानों पर आने वाले दस विद्यार्थियों को एक लाख, 50 हजार और 30 हजार रुपये देकर औपचाकिता पूरी की जाती थी।
220 दिन चले शिक्षण सत्र
शर्मा ने कहा कि स्कूलों में 220 दिन तक शिक्षण सत्र संचालित होना चाहिए। 200 दिन पढ़ाई हो और 20 दिन रिवीजन। सरकार कोचिंग सिस्टम को कम करने के का प्रयास कर रही है। सरकार की कोशिश है कि गरीब बच्चों को स्कूलों में ही अतिरिक्त कक्षाओं से शिक्षा दी जाए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले प्रदेश में सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान नहीं होता था। केवल प्रथम तीन स्थानों पर आने वाले दस विद्यार्थियों को एक लाख, 50 हजार और 30 हजार रुपये देकर औपचाकिता पूरी की जाती थी।
220 दिन चले शिक्षण सत्र
शर्मा ने कहा कि स्कूलों में 220 दिन तक शिक्षण सत्र संचालित होना चाहिए। 200 दिन पढ़ाई हो और 20 दिन रिवीजन। सरकार कोचिंग सिस्टम को कम करने के का प्रयास कर रही है। सरकार की कोशिश है कि गरीब बच्चों को स्कूलों में ही अतिरिक्त कक्षाओं से शिक्षा दी जाए।