कोरोना
वायरस लॉकडाउन की स्थिति में हर कोई घर में कैद है। बच्चों के स्कूल कई दिनों से बंद हैं। लॉकडाउन होने के
चलते वह न तो दोस्तों संग बाहर खेलने जा सकते हैं और न ही आप उन्हें कहीं घूमाने
के लिए लेकर जा सकते हैं। इस स्थिति में घर में बच्चों को संभालना एक चुनौती हो
गया है क्योंकि वह घर में बोर होने लगते हैं। पेरेंट्स की इस मुश्किल को हल करने
के लिए यूनिसेफ ने कुछ टिप्स सुझाए हैं। यूनिसेफ बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा आदि के लिए कार्य करती है।
यूनिसेफ
ने अपने ट्विटर हैंडल @UNICEF पर एक
वीडियो शेयर किया है जिसमें यूनिसेफ के ग्लोबल चीफ ऑफ एजुकेशन रॉबर्ट जेन्किन्स
बता रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अधिकांश जगहों पर लॉकडाउन हैं।
पेरेंट्स घर पर रहकर अपने ऑफिस का काम भी कर रहे हैं और बच्चों को पढ़ा भी रहे
हैं। ऐसे में उनके लिए चैलेंजेज़ बढ़ गए हैं।
रॉबर्ट जेन्किन्स ने पेरेंट्स की मुश्किल को आसान बनाने के लिए
ये 5 टिप्स सुझाए हैं-
1. बच्चों के साथ मिलकर रूटीन बनाएं-
बच्चों के साथ मिलकर एक ऐसा रूटीन बनाएं जिसमें उनकी पढ़ाई-लिखाई, सीखने, खेलने, मनोरंजन की चीजें सब शामिल हों।
1. बच्चों के साथ मिलकर रूटीन बनाएं-
बच्चों के साथ मिलकर एक ऐसा रूटीन बनाएं जिसमें उनकी पढ़ाई-लिखाई, सीखने, खेलने, मनोरंजन की चीजें सब शामिल हों।
2. अपना भी समय
लीजिए
शॉर्ट लर्निंग सेशन से शुरुआत करें। धीरे धीरे उन्हें बढ़ाएं। अगर आप बच्चे की 30 से 40 मिनट की क्लास लेना चाहते हैं तो 10 मिनट की क्लास से शुरुआत करें। सेशन के दौरान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की पढ़ाई करें।
शॉर्ट लर्निंग सेशन से शुरुआत करें। धीरे धीरे उन्हें बढ़ाएं। अगर आप बच्चे की 30 से 40 मिनट की क्लास लेना चाहते हैं तो 10 मिनट की क्लास से शुरुआत करें। सेशन के दौरान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की पढ़ाई करें।
3. बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें
बच्चों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। उनकी भावनाओं को समझें। ध्यान रखें कि दबाव की स्थिति में बच्चों की प्रतिक्रिया कुछ अलग हो सकती है। इसलिए उन्हें समझें और सहनशील बन रहें। बच्चों से किसी मुद्दे पर बात करें और जानें उन्हें उसके बारे में कितना पता है। और फिर उसकी जानकारी को बढ़ाएं। उन्हें बताएं कि हाथ कैसे धोने चाहिए और यह कितना जरूरी है। यह भी बताएं कि हाथों को चेहरे पर न लगाएं।
बच्चों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। उनकी भावनाओं को समझें। ध्यान रखें कि दबाव की स्थिति में बच्चों की प्रतिक्रिया कुछ अलग हो सकती है। इसलिए उन्हें समझें और सहनशील बन रहें। बच्चों से किसी मुद्दे पर बात करें और जानें उन्हें उसके बारे में कितना पता है। और फिर उसकी जानकारी को बढ़ाएं। उन्हें बताएं कि हाथ कैसे धोने चाहिए और यह कितना जरूरी है। यह भी बताएं कि हाथों को चेहरे पर न लगाएं।
4. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बच्चों की सुरक्षा
इंटरनेट से बच्चों को काफी ज्ञान मिलता है। उन्हें काफी सीखने को मिलता है। लेकिन पेरेंट्स को सुरक्षा के लिहाज से ध्यान रखना चाहिए कि उसका गलत इस्तेमाल न हों। सायबर सिक्योरिटी बेहद जरूरी है। पेरेंट्स कुछ वेबसाइट ब्लॉक कर सकते हैं। बच्चों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल अनियंत्रित नहीं होना चाहिए। इसपर नियंत्रण रखें।
इंटरनेट से बच्चों को काफी ज्ञान मिलता है। उन्हें काफी सीखने को मिलता है। लेकिन पेरेंट्स को सुरक्षा के लिहाज से ध्यान रखना चाहिए कि उसका गलत इस्तेमाल न हों। सायबर सिक्योरिटी बेहद जरूरी है। पेरेंट्स कुछ वेबसाइट ब्लॉक कर सकते हैं। बच्चों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल अनियंत्रित नहीं होना चाहिए। इसपर नियंत्रण रखें।
5. अपने बच्चों के स्कूल के संपर्क में रहें
स्कूल की टीचरों से बात करते रहें। गाइडेंस लेते रहें। होम स्कूलिंग में पेरेंट्स ग्रुप भी काफी मददगार होते हैं इसलिए अन्य बच्चों के पेरेंट्स से लगातार बातचीत करते रहें।
स्कूल की टीचरों से बात करते रहें। गाइडेंस लेते रहें। होम स्कूलिंग में पेरेंट्स ग्रुप भी काफी मददगार होते हैं इसलिए अन्य बच्चों के पेरेंट्स से लगातार बातचीत करते रहें।