Thursday, June 29, 2017

गोद लिए पाठशाला को संजीवनी देने पहुंचे डीएम


वाराणसी : शिक्षा विभाग के अफसरों की छत तले अंतिम सांस गिन रहे एलटी कालेज परिसर स्थिति पूर्व व प्राथमिक विद्यालय, अर्दली बाजार को जिलाधिकारी गोद लेने की घोषणा के 24 घंटे के अंदर स्कूल को देखने पहुंचे। शिक्षा विभाग के अफसरों को उम्मीद नहीं थी। इस घोषणा को हवा हवाई मानकर मौन साध लिए थे। इस स्कूल को देखने जब जिलाधिकारी पहुंचे तो आनन-फानन में पूरा महकमा सक्रिय हो गया।
जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने बुधवार को विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में व्याप्त गंदगी देख गहरी नाराजगी व्यक्त की। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को तत्काल सफाई कराने का निर्देश दिया। कहा कि प्रभागीय वनाधिकारी से वार्ता कर इस विद्यालय परिसर में पौधरोपण कराने की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करा ली जाए। विद्यालय का तत्काल रंग-रोगन कराया जाए। बच्चों के बैठने की मुकम्मल व्यवस्था संग कुर्सी मेज सब ठीक हो। साथ ही उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि अवस्थापना सुविधा से संबंधित आवश्यकताओं की सूची तैयार कर तत्काल दें। सीएसआर फंड से धनराशि मुहैया होगी। कहा कि इस विद्यालय को एक आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा। विद्यालय में अपेक्षाकृत कम बच्चों के पंजीयन पर आश्चर्य व्यक्त किया। कहा कि नए सत्र में विद्यालय में अधिक से अधिक बच्चों का पंजीयन कराने की व्यवस्था की जाए। इस विद्यालय को डीएम ने मंगलवार को गोद लिया था। कहा कि सप्ताह में एक दिन कम से कम एक घटा विद्यालय के छात्रों को पढ़ाएंगे। निरीक्षण के वक्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव आदि अधिकारी मौजूद रहे।
.और परिसर में लहलहाती थी गेहूं की फसल
बात 1973 की। ¨हदी संस्थान में कार्यरत सेवानिवृत एक क्लर्क का कहना है कि पहले संस्थान जाने के लिए इस कालेज से ही रास्ता था। वाह! क्या परिसर था। खेतों में गेहूं की फसल लहलहाती थी वहीं आम व अमरूद के एक से बढ़कर एक बगीचे थे। एलटी कालेज के बच्चें के नाम फूलों की क्यारियां आवंटित होती थीं। ये उनके कोर्स का अंग था। विद्यार्थियों की मेहनत दिखती थी। गुलाब के एक से एक फूल इस परिसर की खूबसूरती में चार चांद लगाते थे। परिसर में जो भी प्रवेश करता वह यहां की आबोहवा का दीवाना हो जाता था। इस कालेज से प्रशिक्षण लेने के बाद परिसर में स्थित जर्जर प्राथमिक स्कूल उस दौर में मॉडल स्कूल था। परिसर में ट्रेनिंग करने वाले छात्र इन बच्चों को पढ़ाते थे। यह कोर्स का हिस्सा था। इस स्कूल के बच्चे उस दौर में ड्रेस के साथ अपडेट थे। इन बच्चों को पढ़ाने में प्रशिक्षुओं के पसीने छूट जाते थे। उस वक्त यह परिसर 23.6 एकड़ में विस्तार लिए हुए था। इसी परिसर में एडी, बीएसए, बोर्ड ऑफिस तथा जिला विद्यालय समेत अन्य कार्यालय स्थापित थे।


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