प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के बच्चे अब उपस्थिति रजिस्टर पर खुद अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। सुबह विद्यालय आने पर और शाम को विद्यालय बंद होने से पहले दोनों टाइम बच्चों से रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाया जाएगा। नए सत्र में पहली अप्रैल से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी के इस निर्देश के बाद परिषदीय विद्यालयों में नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस व्यवस्था से एक तो एमडीएम में धांधली रुकेगी दूसरे बच्चे शाम तक स्कूल में रुकेंगे।
बच्चों की उपस्थिति के लिए लागू होने वाली इस नई व्यवस्था से एमडीएम में धांधली पर भी अंकुश लगेगा। अभी तक बच्चों की उपस्थिति प्रधानाध्यापक खुद दर्ज करते थे। ऐसी शिकायतें आम हो गई थी कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति कम होती है फिर भी प्रधानाध्यापक उपस्थिति बढ़ाकर दर्ज कर लेते हैं और उसी हिसाब से एमडीएम का खाद्यान्न व कनवर्जन कास्ट खारिज कर लिया जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में 2416 प्राथमिक विद्यालय और 878 जूनियर विद्यालय हैं। प्राइमरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल कुल 3.82 लाख छात्र पंजीकृत हैं। जिले में एमडीएम योजना के तहत प्रति माह करीब दो करोड़ का बजट खर्च होता है। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 4.13 रुपये व 100 ग्राम खाद्यान्न और जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को 6.18 रुपये व 150 रुपये खाद्यान्न प्रतिदिन की दर दिया जाता है। जांच के लिए जब कभी अफसर दोपहर बाद विद्यालय पर पहुंचते थे तो उनसे बताया जाता था कि बच्चे खाना खाने के बाद घर चले गए। लेकिन अब बच्चो की उपस्थिति के लिए बनाई गई नई व्यवस्था से धांधली नहीं हो सकेगी।
फल और दूध का भी आ गया बजट
जौनपुर। मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को सप्ताह में एक दिन फल और एक दिन दूध पिलाने की योजना है। लेकिन जुलाई 2017 से इसके लिए बजट नहीं दिया गया था। दो दिन पहले फल और दूध के लिए भी शासन से बजट प्राप्त हो गया है। इसी महीने से बच्चों को फल और दूध भी दिया जाएगा। सोमवार को फल और बुधवार को दूध दिया जाना है। फल के लिए प्रति बच्चा चार रुपये की दर से भुगतान किया जाता है। जबकि प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 150 एमएल और जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को 200 एमएल दूध देना है।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उपस्थिति पंजिका पर बच्चों से दोनों टाइम हस्ताक्षर करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अप्रैल से यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है।-अरविंद मलप्पा बंगारी, जिलाधिकारी जौनपुर
बच्चों की उपस्थिति के लिए लागू होने वाली इस नई व्यवस्था से एमडीएम में धांधली पर भी अंकुश लगेगा। अभी तक बच्चों की उपस्थिति प्रधानाध्यापक खुद दर्ज करते थे। ऐसी शिकायतें आम हो गई थी कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति कम होती है फिर भी प्रधानाध्यापक उपस्थिति बढ़ाकर दर्ज कर लेते हैं और उसी हिसाब से एमडीएम का खाद्यान्न व कनवर्जन कास्ट खारिज कर लिया जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में 2416 प्राथमिक विद्यालय और 878 जूनियर विद्यालय हैं। प्राइमरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल कुल 3.82 लाख छात्र पंजीकृत हैं। जिले में एमडीएम योजना के तहत प्रति माह करीब दो करोड़ का बजट खर्च होता है। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 4.13 रुपये व 100 ग्राम खाद्यान्न और जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को 6.18 रुपये व 150 रुपये खाद्यान्न प्रतिदिन की दर दिया जाता है। जांच के लिए जब कभी अफसर दोपहर बाद विद्यालय पर पहुंचते थे तो उनसे बताया जाता था कि बच्चे खाना खाने के बाद घर चले गए। लेकिन अब बच्चो की उपस्थिति के लिए बनाई गई नई व्यवस्था से धांधली नहीं हो सकेगी।
फल और दूध का भी आ गया बजट
जौनपुर। मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को सप्ताह में एक दिन फल और एक दिन दूध पिलाने की योजना है। लेकिन जुलाई 2017 से इसके लिए बजट नहीं दिया गया था। दो दिन पहले फल और दूध के लिए भी शासन से बजट प्राप्त हो गया है। इसी महीने से बच्चों को फल और दूध भी दिया जाएगा। सोमवार को फल और बुधवार को दूध दिया जाना है। फल के लिए प्रति बच्चा चार रुपये की दर से भुगतान किया जाता है। जबकि प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 150 एमएल और जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को 200 एमएल दूध देना है।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उपस्थिति पंजिका पर बच्चों से दोनों टाइम हस्ताक्षर करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अप्रैल से यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है।-अरविंद मलप्पा बंगारी, जिलाधिकारी जौनपुर