Sunday, February 25, 2018

यूपीः जनगणना और चुनावी ड्यूटी के बाद सामूहिक विवाह कराएंगे शिक्षक


जनसंख्या गणना, चुनावी ड्यूटी, मतदाता पहचान पत्र, जाति प्रमाणपत्र के बाद अब उत्तर प्रदेश के सरकारी शिक्षकों को एक और जिम्मा सौंप दिया गया है। यह नई जिम्मेदारी है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह की तैयारियों का।
प्रदेश के सरकारीप्राइमरी स्कूलों की हालत खस्ता है। यहां स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है। जो शिक्षक हैं उन्हें भी शासन प्रशासन जिले के दूसरे कामों में लगा देता है। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

स्कूलों में पढ़ाई के इतर तमाम दूसरे कामों की जिम्मेदारी का विरोध शिक्षक पहले से ही कर रहे हैं। अब इस नए आदेश का विरोध शुरू हो गया है। प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ ने बीएसए द्वारा जारी किए गए इस आदेश के शिक्षा के अधिकार कानून के खिलाफ बताया है। इस कानून के तहत शिक्षकों से पढ़ाई से अलग किसी भी तरह का गैर-शैक्षिक कार्य लेना गलत बताया गया है।

सुल्तानपुर जिले के शिक्षकों को जिला प्रशासन ने पत्र लिखकर कहा कि वह मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजनासामूहिक विवाह है। यह योजना जिले में अच्छे से लागू हो इसलिए शिक्षक इसे सुनिश्चित करें।

सुल्तानपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में एक पत्र 22 फरवरी को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लिखा। उन्होंने इस पत्र में कहा कि वे महिला और पुरुष 5 शिक्षकों जो दुबेपुर, भदैया, कुरवर और कुरेमर में तैनात हों उन्हें सामूहिक विवाह में शामिल होने के लिए भेजे। हालांकि इस मामले में जब बीएसए कौस्तुभ कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया था।

इससे पहले वाराणसी के शिक्षा विभाग ने 16 फरवरी को आदेश जारी किया था कि 18 फरवरी को आयोजित सामूहिक विवाह में शिक्षक शामिल होंगे और वे सामूहिक विवाह स्थल पर तैयारियों में मदद करेंगे।
साभार


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