Tuesday, June 27, 2017

शिक्षकों की भर्ती में खिलवाड़ करने वाला पूर्व DIOS सस्पेंड

लखनऊ : जिले में नियम कायदों को ताक पर रखकर रेवड़ी की तरह नौकरियां बांटने वाले तत्कालीन डीआईओएस द्वितीय धीरेंद्र नाथ सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।
डीएन सिंह ने न सिर्फ अपने रिश्तेदारों की महिला एडेड स्कूलों में नियुक्ति करवाई, बल्कि एक आईएएस समेत कई उच्चाधिकारियों के चहेतों को भी नौकरियां दे दीं। मामला खुलने पर राज्य सरकार ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया।

जिले के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में हुए शिक्षक व कर्मचारी भर्ती और वेतन घोटाले के प्रकरण में पहली कार्रवाई हो ही गई। तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय व उन्नाव डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर स्थानांतरित किए गए डीएन सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया।

उनके ऊपर 15 माध्यमिक विद्यालयों में अनियमित रूप से शिक्षिकाओं की नियुक्ति करने और अनियमित रूप से वेतन आहरित करने के आरोप लगे हैं। यही नहीं इन शिक्षिकाओं में उनकी भतीजी का नाम भी शामिल है। फिलहाल मौजूदा जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने सभी अनियमित शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा रखी है।

सबसे ज्यादा विवादित नियुक्तियां लालबाग गर्ल्स कॉलेज में


अपने कार्यकाल के दौरान डीएन सिंह ने शिक्षिकाओं व कर्मचारियों की नियुक्तियों के रूप में जमकर रेवड़ियां बांटी। हालांकि नियुक्तियों में अधिकतर शासन और प्रशासन स्तर के अधिकारियों के रिश्तेदार शामिल थे। सबसे ज्यादा विवादित नियुक्तियां राजधानी के लालबाग गर्ल्स में की गईं। इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा।

इसी विद्यालय में डीएन सिंह ने अपनी भतीजी, इसी विभाग में लंबे समय तक कार्यरत रहे पूर्व आईएएस समेत अन्य उच्च अधिकयारियों के नजदीकियों की नियुक्तियां कीं। यही वजह थी कि अब तक इस प्रकरण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह द्वारा पदभार संभालने के बाद जब सभी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का रिकॉर्ड खंगाला गया तो हकीकत सामने आई।

हालांकि इस दौरान डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह पर भी काफी दबाव डाला गया। यहां तक कि खुद डीएन सिंह ने उनको लालबाग गर्ल्स की शिक्षिकाओं का वेतन देने के लिए लिखित पत्र लिखा। इससे पहले उनको मौखिक रूप से वेतन देने के निर्देश दिए गए।

ये हैं 15 विद्यालय जिनमें की गईं नियम विरुद्घ नियुक्तियां


डीएन सिंह के उपर माध्यमिक विद्यालयों में अनियमित रूप से शिक्षिकाओं के अवकाश स्वीकृत करने, प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने और उस नोटिस में अनियमितताओं का उल्लेख न करने समेत कई आरोप लगे हैं। अनियमित शिक्षिकाओं व कर्मचारियों की नियुक्ति तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी के कार्यकाल में की गईं थीं।

सबसे ज्यादा विवादित नियुक्तियां लालबाग गर्ल्स में की गई हैं। इस विद्यालय में 11 सहायक अध्यापिकाओं की नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें उनकी भतीजी भी शामिल हैं। यहीं इन शिक्षिकाओं में कई अधिकारियों की रिश्तेदार भी हैं।

राजधानी के जिन 15 विद्यालयों में शिक्षिकाओं व कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं उनमें खुनखुनजी गर्ल्स कॉलेज, लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज, तालिम गाहे निसवा इंटर कॉलेज, नरही विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, यशोदा रस्तोगी गर्ल्स इंटर कॉलेज, करामत गर्ल्स इंटर कॉलेज, सिंधी गर्ल्स इंटर कॉलेज, जनता गर्ल्स कॉलेज, स्वतंत्र गर्ल्स इंटर कॉलेज, आर्य कन्या गर्ल्स इंटर कॉलेज, भारतीय बालिका गर्ल्स इंटर कॉलेज, गुरुनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज, कस्तूरबा गर्ल्स इंटर कॉलेज, गुरूनानक गर्ल्स इंटर कॉलेज और 7 नियुक्तियां अज्ञात में हैं।

मामले पर तत्कालीन डीआईओएस द्वितीय डीएन सिंह का कहना है कि मुझे कभी नहीं बताया गया कि मेरे खिलाफ जांच चल रही है। मेरे से न कभी जवाब मांगा गया और न ही पक्ष जानने के लिए बुलाया गया। पत्र मिलने के बाद मुझे आरोपों के बारे में पता चला।

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