फर्रुखाबाद
: शिक्षक न होने से राजकीय सीनियर बेसिक स्कूल की बंदी अधिकारियों के लिए परेशानी
का सबब बन गई है। मध्याह्न भोजन योजना से आच्छादित जिले के 1975 विद्यालयों में से एक विद्यालय में वर्षों से खाना न बनाए जाने
की सूचना पर मध्याह्न भोजन प्राधिकरण व मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति
की है। प्राधिकरण के निदेशक ने एक जुलाई से हर हालत में राजकीय सीनियर बेसिक स्कूल
पिपरगांव में मिड-डे मील शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में 2013 से बंद चल रहे इस स्कूल का फिर से संचालन और एमडीएम शुरू करा
पाना विभागीय अधिकारियों के लिए चुनौती बन गया है।
जिले में
राजकीय सीनियर बेसिक स्कूल फर्रुखाबाद व मोहम्मदाबाद के पिपरगांव में संचालित है।
पिपरगांव के विद्यालय में 2012-13 तक सभी
शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। किसी परिषदीय विद्यालय के शिक्षक को विद्यालय चलाने के
लिए संबद्ध न किए जाने से विद्यालय बंद हो गया। पढ़ने वाले छात्र दूसरे स्कूलों
में चले गए। वास्तविक रूप से मृत प्राय: होने के बावजूद विभागीय रिकार्ड में
विद्यालय चल रहा है।
जिलाधिकारी
को एमडीएम शुरू कराने के निर्देश
मध्याह्न
भोजन प्राधिकरण लखनऊ के निदेशक अब्दुल समद ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है
कि मिड-डे मील भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, लेकिन जिले
के एक विद्यालय में कई वर्ष से खाना नहीं बनाया जाना गंभीर प्रकरण व सर्वोच्च
न्यायालय की अवमानना है। एक जुलाई से स्कूल में भोजन वितरण शुरू कराया जाए। मिड-डे
मील के प्रभारी बीईओ बेगीश गोयल का कहना है कि परिषदीय विद्यालय संबद्ध कर या तो
फिर से स्कूल का संचालन कराया जाए या विद्यालय को शासन स्तर से बंद किया जाए।
14 में दो
शिक्षक ही रह गए
फर्रुखाबाद
में चल रहे राजकीय कन्या सीनियर बेसिक विद्यालय में 14 शिक्षकों में दो ही रह गए। कमला सक्सेना प्रधानाध्यापक हैं, दूसरे शिक्षक राकेश कुमार काफी समय से बीमार होने से वेतन भी
नहीं पा रहे हैं।