शिवाला की तंग गली के एक छोटे से घर में तीन भाई-बहनों का
परिवार। पिता के सामने घर चलाने की चुनौती। सबसे छोटी बेटी को पढ़ाने से इनकार
लेकिन जिद देख पांचवी क्लास में कराया दाखिला। मां-बाप की इच्छा विरुद्ध मनीराम
बगिया के सरकारी स्कूल में उस बच्ची ने बड़ी मुश्किल से एडमिशन लिया और फिर पीछे
मुड़कर नहीं देखा। सरकारी प्राथमिक विद्यालय से निकली उस बेटी का आज अमेरिका में
डंका बज रहा है। अपने दम पर कंपनी स्थापित करने के साथ ही सामाजिक कामकाज में
योगदान कर अमेरिकी मीडिया की सुर्खियों में बनी रहने वाली इस महिला का नाम है पूनम
कृष्ण गुप्ता।
रविवार को गैंजेज क्लब में भारतीय महिला उद्यमी परिषद ने आइका
इंटरप्राइजेज यूएसए की संस्थापक और सीईओ पूनम कृष्ण गुप्ता को सम्मानित किया।
अध्यक्ष पदमा शुक्ला और डॉ. अवध दुबे ने उनका परिचय कराया। महिला उद्यमियों के
सामने अपने बच्चों के साथ आईं पूनम ने खुलकर अपने अनुभव साझा किए। तीन दर्जन से
ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित पूनम ने शहर की महिला उद्यमियों को
सफलता के टिप्स दिए। कार्यक्रम में शशि ठाकुर, भक्ति विजय शुक्ला, हिमानी शुक्ला, जया राजपूत, लता सिंह, आम्रपाली, स्वर्णकांता, सीमा शुक्ला
आदि मौजूद थीं।
कामयाबी के टिप्स
अगर कोई इंसान किसी काम को कर सकता है तो हम क्यों नहीं कर
सकते। असफलता से निराश न हों।
खुद को अपडेट करते रहें। अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और
जरूरतों पर जरूर खर्च करें। ये भी निवेश ही है।
फाइनेंशियल प्लानिंग को गंभीरता से लें। बिजनेस को बिजनेस की
तरह करें। शौक की तरह नहीं।
खुद को सम्मान देना सीखें। साथ ही परिवार की भावनाओं को
समझें। परिवार के साथ एडजस्ट करेंगे, तभी खुशहाली रहेगी
गुस्सा आने या असहमत होने पर तत्काल बिना सोचे समझे प्रतिक्रिया
देना अच्छी बात नहीं हैं। इस आदत पर काबू रखें
अमेरिका तक का सफर
देर से पढ़ाई शुरु करने की वजह से पूनम जल्द से जल्द ज्यादा से
ज्यादा पढ़ना चाहती थीं। आठवी कक्षा तक आते-आते उनकी काबिलियत का अंदाजा मां-बाप
को हो गया। वे उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उनकी
अच्छी रैंक नहीं आई। आईआईटी की लाइब्रेरी में किताबें पढ़ने के दौरान उन्होंने
अमेरिकी यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए परीक्षा दी और उनका चयन हो गया। यहीं से
किस्मत से पलटी खाई। वहां इलियोनॉस यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री ली। वर्ष 2000 में उन्होंने
आइका इंडस्ट्रीज के नाम से सॉफ्टवेयर कंपनी की नींव डाली। वाशिंगटन डीसी से शुरू
बिजनेस में वे फाइनेंस, हेल्थकेयर और सरकारी कंपनियों को सेवाएं देती हैं। आज उनका
कारोबार तीन महाद्वीपों में फैला है।