ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों का आधार फीड न होने उन्हें शासन स्तर से संचालित नि:शुल्क यूनिफार्म, पुस्तकें व अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है। जबकि विद्यालयों में पहुंचकर आधार बनाने के लिए नामित एजेंसियों की उदासीनता व ग्रीष्मावकाश में विद्यालय बंद होने से तमाम बच्चे ऐसे हैं जिनका आधार कार्ड नहीं बन सका है। उधर जिला प्रशासन विद्यालय खुलने पर 15 जुलाई तक अनिवार्य रूप से यूनिफार्म का वितरण करा देने की तैयारी में जुटा हुआ है। ऐसे में आधार फीड न होने वाले बच्चों के यूनिफार्म में बाधा आ सकती है।
शासन की लाभपरक योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी तक पहुंच जाय, साथ ही पारदर्शिता बनी रहे। इसे देखते हुए लगभग हर योजनाओं का लाभ हासिल करने के लिए आधार कार्ड का ¨लकअप होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी कड़ी में अब परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक बच्चों का आधार कार्ड ¨लक करना अनिवार्य कर दिया गया है। गत 15 मई तक सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाकर उसे ब्लाक संसाधन केंद्र पर अपडेट कराने का निर्देश दिया गया है। उस दौरान नामित एजेंसियों की उदासीनता से अधिकतर विद्यालयों में बच्चों का आधार नहीं बन सका था। इसी बीच ग्रीष्मावकाश पड़ जाने से आधार कार्ड बनाने का काम लगभग ठप पड़ गया। ऐसे में अब जुलाई माह में विद्यालय खुलने के बाद 15 जुलाई तक यूनिफार्म का वितरण कराने की चल रही तैयारी में तमाम बच्चे यूनिफार्म से वंचित हो जाएंगे जिनका आधार कार्ड नहीं बन सका है। इसे लेकर अभिभावक भी ¨चतित हैं। वैसे इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रकाश नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि शासन का निर्देश है कि यदि बच्चों का डाटा आधार कार्ड ¨लक नहीं हुआ तो उन्हें शासन स्तर से संचालित योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। वह यूनिफार्म व पुस्तक तक से वंचित हो जाएगे। वैसे सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया है बच्चों का आधार कार्ड फीड कराया जाय।
- कपड़े व सिलाई संस्था को प्रमाणित कराने की मांग
परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को यूनिफार्म वितरण के लिए क्रय किए गए कपड़े व सिलाई के लिए लगाए जाने वाली संस्थाओं को पहले प्रमाणित कराने की मांग की गई है। आरटीआइ कार्यकर्ता आदर्श त्रिपाठी ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर यह मांग की है। अवगत कराया है कि कपड़े की खरीद व सिलाई संस्था का सत्यापन न होने से अधिकतर विद्यालयों में रेडीमेड यूनिफार्म का वितरण कर दिया जाता है। जो बच्चों की नाप के अनुरूप नहीं रहता तो गुणवत्ता को लेकरभी सवाल खड़ा होता है। बच्चों की संख्या के अनुरूप कपड़ा खरीद व सिलाई संस्था का सत्यापन पहले हो जाएगा तो इस तरह की समस्या नहीं आएगी।