मैनपुरी: पहली जुलाई से
परिषदीय विद्यालयों का शिक्षण सत्र प्रारंभ होना है। विद्यालय खुलने से पहले शासन
ने स्कूलों के हालातों को सुधारने का आखिरी मौका दिया है। हर हाल में 28 जून तक गंदगी और
स्कूलों के आसपास की अव्यवस्था को दूर करना होगा। जुलाई में सर्वे के दौरान यदि
खामियां नजर आती हैं, तो संबंधित
प्रधानाध्यापकों के साथ शिक्षाधिकारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के
साथ ही शासन ने शिक्षाधिकारियों को फरमान जारी कर दिया था कि सभी परिषदीय स्कूलों
में मूलभूत सुविधाओं के प्रबंध कराए जाएं। बच्चों के आने-जाने वाले रास्तों पर
जलभराव की स्थितियां न हों। इतना ही नहीं, विद्यालयों के अंदर भी पीने का शुद्ध पानी और शौचालय में भी
पानी के बेहतर प्रबंध होने चाहिए। कक्षाओं में भी मरम्मत के कार्य आधे-अधूरे नहीं
होने चाहिए। मगर, अब तक ऐसा हुआ
नहीं है।
अब शासन स्तर से
जिम्मेदारों को 28 जून तक का
अल्टीमेटम दिया गया है। कहा है कि यदि जुलाई में सर्वे के दौरान किसी भी प्रकार की
खामी नजर आती है, तो संबंधित
प्रधानाध्यापकों के साथ शिक्षाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी।
चेतावनी का नहीं दिखा असर
शासन की चेतावनी का
शिक्षाधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ है। स्थिति यह है कि नगरिया देहात स्थित
परिषदीय स्कूल के आसपास जलभराव के हालात बेहद बुरे हैं। पीने का पानी भी गंदगी
वाले स्थान से ही लाना पड़ता है। यही हाल, जिले के अन्य परिषदीय स्कूलों का भी है।
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विद्यालय खुलने से पहले
सभी स्कूलों का निरीक्षण कराया जाएगा। इसके लिए प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि
वे एक या दो दिन पहले स्कूलों में पहुंचकर वहां सुविधाओं और व्यवस्थाओं का जायजा
लें। जो भी खामियां हैं, उन्हें हर हाल
में 28 जून तक दूर करा
लें।
रामकरन यादव, जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारी।